शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

गुरु कुंडली के 7वे भाव में | Guru in 7th house of horoscope

बृहस्पति कुंडली के 7वे भाव में फल

कुंडली के 7वे भाव में गुरु हो तो व्यक्ति का अपने जीवनसाथी से कम लगाव को यह गुरु दिखाता है।

स्वभाव को अवश्य नम्र बनाएगा क्योंकि लग्न पर गुरु की दृष्टि है।

अपने पिता से भी अधिक उन्नति करे यह जरूर देखने को मिलेगा।

निश्चित रूप से गुरु की दृष्टि जातक को ज्ञानवान बनाएगी एक अच्छे सलाहकार का काम की जातक करेगा परन्तु कई बार यह देखने को मिलेगा अधिक सलाह देने की वजह से वैवाहिक जीवन में टकराव उतपन्न कर सकता है।

पिता से भी तालमेल में कमी सप्तम में बैठा गुरु देता है

संतान को लेकर भी हमेशा चिंता बनी रहे यह हो सकता है।

जीवनसाथी का धीर गंभीर स्वभाव देगा।

गुरु की लाभ भाव पर दृष्टि इक्षाओं की कमी और पूर्ति दोनो करती है, जिम्मेदारी लेने वाला स्वभाव होगा।

लग्न पर गुरु की दृष्टि होने की वजह से व्यक्ति का स्वभाव स्थायित्व प्राप्त करने वाला होगा माने की कम में भी संतोषी कर लेने का स्वभाव होगा इस वजह से उन्नति में बाधा होगी अतः यह करने से आप को बचना चाहिए।

धर्म कर्म ज्ञान लेखन में रुचि यह गुरु देगा।

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