शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

शनि कुंडली के तृतीय भाव में | Saturn in 3rd House in Horoscope

शनि के कुंडली के तृतीय भाव में फल


शनि कुंडली के तृतीय भाव में स्थित है यह आप को मेहनती पराक्रमी कर्मठ बनाएगा, आप को प्रोफेशन में जो भी आप हेड होगा वेग सदैव ही आप से प्रशन्न रहेगा आप की मेहनत की वजह से।

विद्दा अध्ययन में किसी प्रकार विलंब या रुकावट दे सकता है, आप मेहनत के द्वारा चीजो को सीखते हैं अभ्यास प्रेक्टिस से आप को ज्ञान देगा, व्यवहारिक ज्ञान आप को अच्छा होगा।

भाई-बहनों की वजह से यह शनि आप को दुख दे सकता है आप के धैर्य को चेक करेगा अथवा भाई-बहनों को तकलीफ दे सकता है।

उन्नति विलंब से देगा , जीवन के उत्तरार्ध में उन्नति देगा।

अपने वाहन का सुख देगा, स्वभाव में संतोषीपन होगा।

संतान प्राप्ति विलंब से हो सकती है।

कार्यक्षेत्र में आप को नैतिकता वादी बनाता है, धर्म संस्कृति में जो रीति रिवाज है उनके पीछे का लॉजिक ढूढने का प्रयास आप का रहता होगा, साथ ही जरूरमंद व्यक्ति की सहयता, परोपकार, इत्यादि में आप का मन अधिक लगता होगा।

भाग्य में उन्नति विलंब से होगी

सही जगह पर धन का व्यय कराएगा, टुकड़ो में धन खर्च अधिक होगा।

धर्म शास्त्रों का ज्ञान देगा।

आप अच्छे सलाहकार होंगे और कानून ,टेक्नोलॉजी, का ज्ञान देगा। 

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