शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

चित्र
शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

गुरु जन्म कुंडली के 8वे भाव में फल | गुरु अष्ठम भाव में फल | Guru in 8th house in horoscope

बृहस्पति के आठवे भाव में फल

बृहस्पति कुंडली के 8वे भाव में स्थित हो तो यह किसी प्रकार का लंबी अवधि का रोग दे सकता है।

अध्यात्म ज्योतिष जैसी विद्दाओ में रुचि देगा।

बुद्धि को स्थिर करेगा यानी कि विचार आसानी से परिवर्तित नहीं होंगे एक बार जो राय बन गई वो अटल होगी।

विवाह के बाद 1 या 2 साल के अंदर किसी प्रकार की आर्थिक हानि हो सकती है अथवा भावनात्मक हानि  किसी की मृत्यु के द्वारा हो सकती है।

आप दीर्घायु होंगे।

कार्य क्षेत्र में उतार चड़ाव देगा।

बृहस्पति की दृष्टि व्यय भाव पर होगी जो कि बड़ी मात्रा में धन खर्च करवाती है।

गुरु की धन भाव पर दृष्टि दिखाती है कि फ्लो ऑफ मनी बना रहेगा।

सुख भाव पर दृष्टि अपने घर और वाहन का सुख जरूर देगी आप को।

यह बृहस्पति संतान की उन्नति के लिए बेहतर स्थिति है पर प्रथम संतान के जन्म के समय कुछ कष्ट देखने को मिल सकता है।

उधार आप को सोच समझ कर देना चाहिए अन्यथा पैसा फसने का योग बनता है।



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शनि कुंडली के तृतीय भाव में | Saturn in 3rd House in Horoscope