शनि के कुंडली के 10वे भाव में फल
शनि कुंडली के 10वे भाव में स्थित हो तो, कुंडली में जिन भावों से 3,6 और 11 भाव दूर हो उनकी वृद्धि करता है, अतः यह शनि आप के पंचम भाव की वृद्धि करेगा अतः विद्दा अध्ययन ज्ञान प्राप्ति में रुचि देगा शनि मेहनत का ग्रह है अतः यह आप को ज्ञान, अनुभव के द्वारा प्रेक्टिस के बाद खुद से सीखने पर देता है।
आठवे भाव की वृद्धि करेगा अतः आयु की वृद्धि करेगा।
विदेश यात्रा में अथवा लॉन्ग डिस्टेंस ट्रेवल में भी शनि सहायक है।
शनि की दृष्टि चतुर्थ भाव पर है और सप्तम भाव पर भी है अतः यह शनि आप के पारिवारिक प्रेम में कमी करता है।
घर के महत्वपूर्ण निर्णयों में आप की भूमिका कुछ कम होगी, हालांकि आप मेहनती है लेकिन निर्णय आप के हाथ मे नहीं होंगे।
वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के मध्य फिजिकल अफ़ेक्शन आकर्षण की कमी करता है।
शनि की दृष्टि व्यय स्थान पर भी है अतः आप प्रयास करेंगे कि फालतू जगह पैसे कम से कम खर्च हों।
आप को जीवन के विभिन्न समय खण्ड में अलग-अलग चुनौती बनी रहेंगी, मानसिक शांति को भंग करेगा अतः इससे बचने के लिए आप को अध्यात्म मंत्र साधना की और बढ़ना चाहिए।
यह शनि आप को अपना घर तो दिला देगा निश्चित ही।
आप प्रोफ़ेशनल लाइफ में ही कुछ ज्यादा समय बिताएंगे क्योंकि आप को काम से प्यार होगा घर पर भी ऑफिस का काम करें ऐसा देखने को मिल सकता है, अतः आप को जीवनसाथी को लीड करने देना चाहिए पारिवारिक मामलों में।
आप के कार्यक्षेत्र में कुछ रिस्कीनेस भी हो सकती है और उससे आप को धनार्जन हो।
करियर शुरुआत आप एक बहुत सामान्य सी नौकरी से करेंगे और यह शनि धीमी उन्नति देगा जीवन में, मेहनत अधिक देगा, और कार्य क्षेत्र में उतार चढ़ाव बने रहेंगे पर आप कभी हार नहीं मानेंगे।
शनि कर्मकारक ग्रह है अतः यह आप को कर्मठ मेहनती और कर्म पर विश्वास करने वाला बनाता है जीवन में अत्यधिक परिश्रम के बाद चीजो की प्राप्ती देता है। आप स्वभाव से धार्मिक होंगे।
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