शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Saturn In 7th House | Shani 7th House in Hindi | शनि 7वे भाव में | शनि सप्तम में BhartiyaAstrology

शनि जन्म कुंडली के 7वे भाव में फ़ल


शनि कुंडली के 7वे भाव में हो तो यहाँ शनि दिकबली हो जाता है इस वजह से यह वैवाहिक जीवन में लॉयल्टी को दिखाता है, लेकिन वैवाहिक जीवन में कुछ नीरसता भरता है क्योंकि शनि मैच्योरिटी का कारक है।

आप के जीवनसाथी और आप एक दूसरे के प्रति जिम्मेदारी को समझते है।

शनि 7वे भाव में हो तो आप को मेहनती बनता है अतः आप का फोकस प्रोफेशनल लाइफ की तरफ कुछ अधिक हो सकता है।

मैरिज में भी देरी का कारक यह शनि बनता है।

यह शनि जीवनसाथी के साथ संवाद में कमी लाता है अतः आप को चाहिए चाहे जितना भी विवाद हो जाए पर बातचीत बंद न करें।

शनि की 9वे भाव पर दृष्टि आप को प्रोफेशनल लाइफ में एथिकल बनाती है, शनि की दृष्टि लग्न पर भी है और शनि विरक्ति का कारक है इस वजह से आप अक्सर भीड़ से बचते होंगे जैसे किसी धार्मिक स्थल पर जाना है तो आप किसी दिन विशेष पर जाने की अपेक्षा जब कम भीड़-भाड़ हो तब जाना प्रिफर करते होंगे। चौथे घर और शनि की दृष्टि आप को कार्य क्षेत्र पर रहना पसंद होता हो इस प्रकार का स्वभाव देता है। व्यवहार में कुछ रिजर्वेनेश भी देगा।




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