शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

गुरु लग्न में | बृहस्पति पहले भाव में | Jupiter in Ascendant

लग्न में स्थित बृहस्पति के फल

यदि लग्न में ही बृहस्पति स्थित है यह आप को बहुत अच्छा सलाहकार बनाता है ज्ञानी बनाता है, पर अक्सर यह देखने में मिल सकता है इस ज्ञान का प्रयोग आप अपने जीवन में उस प्रकार से नहीं कर पाते हैं

यह बृहस्पति स्वतंत्र मानसिकता देगा किसी के अंडर में काम करने में आप को तकलीफ आएगी क्योंकि यदि आप ने कोई सजेशन दिया और उसको नहीं माना गया तो आप को लग सकता है कि आप का मान भंग हुआ है।

आप मान-सम्मान को अधिक महत्व देते हैं अपने जीवन में।

जिम्मेदारी उठाने वाला स्वभाव देगा यदि कोई कार्य आप को दिया जाता है तो आप उसको जिम्मेदारी पूर्वक करेंगे और आप के रिश्तेदारों के लिए आप एक अच्छे सम्बंधी होंगे उनके किसी भी कार्य के लिए आप आगे रहेंगे उनकी कोई समस्या होगी तो आप आगे रहेंगे, इसका एक नुकसान भी है कि इस वजह से आप अपनी फैमिली को कम समय दे पाए तो यह शिकायत आप के परिवार के लोगो की बनी रह सकती है।

बुद्धि को परिपक्व बनाएगा दूर की सोच कर काम करने वाले, नैतिकता वादी बनायेगा, समाज और कानून विरोधी कार्य आप नहीं करेंगें।

बृहस्पति लग्न में स्थित होकर यह आप को उदार बनाएगा पर आप अपने लिए दूसरे व्यक्ति से सहायता मांगने में थोड़ा संकुचित महसूस करेंगे।

यदि आप के द्वारा की हुई सहायता का कोई आप को क्रेडिट न दे तो आप को बुरा लगता है तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि निस्वार्थ ही काम करें, और अपने परिवार के प्रति भी समय और ध्यान देना चाहिए

लग्न में बैठे बृहस्पति की दृष्टि पंचम भाव और भी है अतः यह आप की बुद्धि को प्रभावित करेगा यानी आप के आने वाले समय में आप के निर्णय सही रहेंगे। 7वे भाव और गुरु को दृष्टि आप को मिलने वाले लोगो में आप की बुद्धि ज्ञान का स्टेटस कुछ बड़ा हुआ रह सकता है। नवम भाव और गुरु की दृष्टि आप को भाग्य सहयोग देगी और नैतिकता वादी धार्मिक आचरण करने वाला बनायगा।

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