शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

#Guru #Jupiter #Horoscope #Astrology Guru in 6th House | Jupiter in 6th House | छठवे भाव में बृहस्पति

बृहस्पति के 6वे भाव में फल

बृहस्पति कुंडली के 6वे भाव में स्थित हो और पीड़ित हो तो, यह बृहस्पति संतान सुख में बाधा का काम करेंगे।

कम उम्र में ही यह धनार्जन के योग बनाता है चाहे यह साइड इनकम के रूप में हो सकती है।

यह आप के शत्रुओं की सँख्या कम करेगा, यानी आप का आप का लड़ाई झगड़े वाला स्वभाव नहीं होगा।

यह देखने को मिल सकता है कि आप कई काम अच्छे करेंगे किसी व्यक्ति के लिए लेकिन कोई एक काम गलत हो जाने से सारे किये हुए सत्कर्म निष्फल से हो जाते हैं और पहले के किए हुए अच्छे कामों की वैल्यू कम हो जाती है यह देखने को मिल सकता है।

लगातार मेहनत करने से आप बचते हों यह बात देखने को मिल सकती है यानी कि बहुत जल्द ही किसी भी काम मे बोरियत फील करने लगना यह देखने को मिल सकता है।

किसी प्रकार की लंबी अवधि के रोग भी यह बृहस्पति दे सकता है  जैसे डायबिटीज, फेट, कोलेस्ट्रॉल  से जुड़ी प्रॉब्लम इत्यादि अतः स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

बृहस्पति की 10वे भाव पर दृष्टि कार्य क्षेत्र में मंदगति से उन्नति देगा, जीवन के शुरुआती समय में कम उन्नति और 35 वर्ष के ज्यादा हो ऐसा देखने मे मिल सकता है। आय और व्यय समान रुप से रहेंगे।

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