बृहस्पति के कुंडली के पंचम भाव में फल
गुरु यदि कुंडली के 5वे भाव में स्थित हो तो, आप कैसी भी नकारात्मक परिस्थिति बाहर आ सकते हैं जीवन में ज्ञान की मदद से।
संतान से आप को सुख प्राप्त होगा, संतान आज्ञाकारी और धार्मिक स्वभाव वाली और पराक्रमी होगी।
उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए यह बेहतर स्थिति है।
गुरु 5 वे भाव में होने से संतान की फिक्र अधिक देगा।
अध्यापन, सलाहकार इत्यादि पदों के लिए यह बृहस्पति विशेष शुभ है।
आप के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है।
आप का प्रयास होता होगा कि आप लोगो को प्रेक्टिकल ज्ञान भी दे यानी कुल मिलाकर अपने कर्म आचरण अपने व्यक्तित्व से भी शिक्षा ज्ञान देने का प्रयास करते होंगे।
कई बार यह बृहस्पति आप के कार्य के पूर्ण होने में बाधा देता है, किसी न किसी प्रकार की रुकावट आ ही जाती होगी, यदि किसी कार्य से आप को धन लाभ होने वाला है वह कार्य एक बार में पूर्ण नहीं होगा।
यह बृहस्पति आपके जीवन में स्थायित्व देगा उतार-चढ़ाव कम करेगा।
आप अपने जीवन में पैसे से अधिक मान-सम्मान को महत्व देंगे।
गुरु की दृष्टि लग्न पर आप को अपने ऊपर आत्मविश्वास को बढ़ाती है, समझदारी , ज्ञान को बढ़ाने वाली है। लेकिन आप को ध्यान रखना चाहिए कि आप को अहंकार न हो कभी भी।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, आर्थिक स्थिरता, भाग्य के लिए भी यह उत्तम स्थिति में है।
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