शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

guru in 3rd house of horoscope | Jupiter 8th House | गुरु जन्मकुंडली के आठवे भाव में फल

बृहस्पति जन्मकुंडली के अष्टम भाव में


यदि जन्म कुंडली के तीसरे भाव में गुरु स्थित हो तो वैवाहिक मामले में व्यक्ति को संयमी बनाता है, यानी पत्नी की सुनने वाले और उनके सजेशन मानने वाले।

3rd हाउस होवी (शौक) का है अतः धार्मिक पुस्तक पढ़ना ज्ञान से जुड़ी चीजो में रुचि देगा, और अपने शौक पूरा करने के लिए समय निकाल ही लेना चाहे जितनी व्यस्तता हो।

वैवाहिक जीवनकाल लम्बा होता।

छोटे भाई-बहन नहीं होते और यदि होंगे तो वह काफी मेच्योर हों आप से यह देखने को मिलता है।

कंधे अथवा कान में कुछ मामूली सा दर्द रह सकता है।

इक्षाओ की कमी करेगा है संतोषी बनाता है।

धर्म को लेकर घर में कोई नई परम्परा की शरूआत कर सकते है।

सनातम धर्म को छोड़ कर किसी अन्य देवी देवता में विश्वास जैसे आजकल लोग साईं की पूजा करते हैं।

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