शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

चित्र
शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Shakat Yoga in astrology in Hindi


 शकट योग के बारे में जानने से पहले हम समझते हैं इस शब्द का अर्थ क्या है ? इसका अर्थ है रथ का पहिया। जिस प्रकार रथ का पहिया घूमता है और वह जब घूमता है तो पहिये का कोई भी स्थान विशेष बार बार ऊपर नीचे होता ठीक इसी प्रकार शकट योग जिस किसी भी व्यक्ति कुंडली में होगा यह जीवन में उतार-चढ़ाव का प्रतीक है, जीवन में स्थायित्व की कमी देखने को मिल सकती है।

किस प्रकार बनता है शकट योग कुंडली में

यह योग गुरु और चंद्रमा के द्वारा बनता है आप जानते हैं चंद्रमा हमारे मन का कारक है भावनात्मक शक्ति को दिखाता है और बृहस्पति स्थिरता सम्पन्नता का कारक है यदि चंद्रमा से 6, 8 और 12वे भाव में गुरु स्थित हो तो शकट योग का निर्माण होता है।

यदि बृहस्पति और चंद्रमा एक दूसरे से शुभ भाव में स्थित होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में संपन्नता स्थिरता के साथ आती है।


कब भंग हो जाता है शकट योग

यदि बृहस्पति लग्न पर दृष्टि रखता है तो शकट योग भंग हो जाता है।

लग्न से बृहस्पति शुभ भावों में हो तो भी यह योग कट जाता है।


नोट : पर यदि लग्न से भी यह शुभ भावों में न हो और न ही लग्न पर दृष्टि देता हो तो इसके फल बहुत घातक हो सकते हैं।


शकट योग की वीडियो देखने के लिए क्लिक करें यहाँ



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गुरु जन्म कुंडली के 8वे भाव में फल | गुरु अष्ठम भाव में फल | Guru in 8th house in horoscope

शनि कुंडली के तृतीय भाव में | Saturn in 3rd House in Horoscope