शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

पर्वत योग के फल जन्म कुंडली में | Parvat Yoga in Kundali

 जन्म कुंडली में पर्वत योग एक राजयोग की श्रेणी में आता है। यह योग जिस किसी भी व्यक्ति की कुंडली में बनता है वह व्यक्ति काफी धनवान होता है व्यक्ति के जीवन में समृद्धि रहती है। यदि ऐसा व्यक्ति राजनीति में प्रयास करे तो ऊंचे पद तक भी जा सकता है, सरकारी नौकरी में यदि व्यक्ति काम करता है तो भी व्यक्ति को उच्च पद पर जाने के अवसर मिल सकते है या कह सकते हैं व्यक्ति उन्नति करता है। व्यक्ति के अंदर दुसरो की सहायता करने की भावना होती है परोपकारिता के गुण भी होते हैं।


किस प्रकार बनता है पर्वत योग

पर्वत कुंडली में 3 प्रकार से बन सकता है - 

1. यदि कुंडली में लग्नेश उच्च , मूल त्रिकोण राशि अथवा स्वराशि का होकर केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित हो साथ ही पाप प्रभाव से मुक्त हो तो पर्वत योग का निर्माण होता है।

2. लग्न का स्वामी और द्वादश भाव का स्वामी एक दुसरे से केंद्र में हो और वह पीड़ित नहीं होने चाहिए तब भी यह पर्वत योग का निर्माण करते हैं।

3. कुंडली के केंद्र भावों में शुभ ग्रह स्थित हो तथा 6वा भाव व 8 वा भाव भी पाप प्रभाव से मुक्त होना चाहिए इस प्रकार भी पर्वत योग का निर्माण होता है।

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