शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में
गुरु कुंडली के दशवें भाव में स्थित होगा तो किस तरह के फल देगा ?
गुरु एक बहुत ही शुभ ग्रह है और दशम भाव हमारे करियर को दिखाता है जब भी गुरु 10वे भाव में होगा तो यह आप को शुभ कर्म करने वाला बनाएगा यानी आप कभी किसी को नुकसान पहुंचा कर कोई काम नहीं करेंगे यह स्थिति आप को नाम सम्मान तो दे देगा पर इसका फायदा आप को आर्थिक रूप से या प्रमोशन के रूप में नहीं देगा।
बृहस्पति के कारण आप जब भी कोई काम हाथ में लेंगे तो उसको अंत तक अवश्य लेकर जाएंगे यानी कि बीच में नहीं छोड़ेंगे।
पिता से अधिक उन्नतिशील बनाएगा।
सम्मान और प्रतिष्ठा आप को पैसे से ज्यादा प्रिय होगी यानी कि कोई प्रेम से बात करें सम्मान दे।
आप के कार्य की प्रशंसा करे, तो आप बहुत अच्छा लगता है यह देखने को मिल सकता है।
कई बार यदि किसी प्रकार की समस्या आ जाए तो उपाय या सॉल्यूशन आप सबसे पहले ढूंढ लेते हैं यह देखने में मिल सकता है।
गुरु आप के धन भाव को देख रहा है अतः समाज में लोगो के मध्य आप की यह इमेज बनी रह सकती है कि आप के पास अच्छा पैसा है।
चतुर्थ भाव पर दृष्टि परिवार से लगाव को दिखाता है और आप को अपनी फैमिली की वजह से भी जाना जाए यह हो सकता है यानी कि आप की फैमिली का एक रसूख होगा एक विशेष पहचान होगी आप के परिवार की समाज में।
गुरु की दृष्टि 6 वे भाव पर है अतः आप अपने शत्रुओं का दमन ज्ञान के आधार पर करेंगी न कि बल से यानी आप ज्ञान और बुद्धि के बल पर बात को सुलझाने का प्रयास करेंगी।
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