शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

भारतीय ज्योतिष में ब्लड ग्रुप का क्या महत्व है ?

 वैसे तो ब्लड ग्रुप की खोज काफी आधुनिक है लेकिन हमारे ऋषियों ने विशेष रूप से पाराशर जी ने इसके बारे में चर्चा करी है।

जब हम विवाह करते हैं तब गुण मिलान करवाए जाते हैं, इसी गुण मिलान में एक फेक्टर होता है नाड़ी का, गुण मिलान में सबसे अधिक महत्व नाड़ी को दिया है और इसके अंक भी सबसे अधिक है। 

यदि किसी व्यक्ति की नाड़ी समान होती है तो उनका विवाह नहीं करा जाता है और हम यदि उन दोनों व्यक्तियों का ब्लड ग्रुप चेक कराये तो समान मिलेगा। 

नाड़ी दोष की स्थिति में व्यक्ति को संतान उतपत्ति में परेशानी आती है और यदि संतान हो भी जाये तो उसको कई रोग रहते हैं बौद्धिक रुप से कमजोर होती है।

नाड़ी के द्वारा भी हमारे ऋषियों ने ब्लड ग्रुप को भांप लिया था कहीं न कहीं।

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