शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

जन्म कुंडली में काहल योग के फल

 वैसे तो ऋषि पराशर ने ज्योतिष शास्त्र में कई योगों का वर्णन किया है लेकिन कुछ योग है जो अति प्रशिद्ध है उन्हीं में से एक यह योग है काहल योग।

काहल योग के फल

जिस भी व्यक्ति की कुंडली में काहल योग होता है वह गांव, समाज, संस्थान का प्रधान होता है अर्थात व्यक्ति निश्चित ही उच्च पद पर पहुचता है। व्यक्ति में साहस भरपूर मात्रा में देखा जा सकता है। व्यक्ति ह्रदय विशाल होता है, किसी की भी सहायता करने के लिए सदैव ततपर रहता है। व्यक्ति के पास धन की कोई कमी नहीं रहती है और सामान्यतः यह कहा जाता है कि व्यक्ति के जीवन का उत्तरार्द्ध अधिक बेहतर है रहता है शुरुआती जीवन की अपेक्षा।

किस प्रकार बनता है काहल योग

जब भी जन्म कुंडली में लग्नेश बली अवस्था में हो और अच्छे भाव में स्थित हो जैसे केंद्र त्रिकोण या 11वे भाव में हो साथ किसी भी शत्रु ग्रह का प्रभाव नहीं होना चाहिए।

कुंडली के चौथे भाव और नवे भाव के स्वामी एक दूसरे से केंद्र में स्थित हो बलवान होकर, साथ में किसी भी नकारात्मक ग्रह का प्रभाव न हो तो यह योग पूर्णतः फलीभूत होते हुए देखा गया।

यदि योग बनाने वाले ग्रह कमजोर हुए तो योग कुछ भी फल नहीं देगा, चंद्रमा भी यदि कमजोर हुआ तो ग्रह की दशा आएंगी निकल जायेगी कुछ भी फल व्यक्ति को महसूस नहीं होगा।


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