शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

चित्र
शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

सूर्य के कन्या राशि में फल

 जन्म कुंडली में सूर्य कन्या राशि में स्थित होकर कैसे फल देगा यह जानने से पहले जानना होगा कन्या राशि को, कन्या राशि काल पुरूष कुंडली की 6वे भाव की मूल राशि है इसका स्वामी ग्रह बुध है। सूर्य और बुध आपस में मित्र ग्रह है। यदि सूर्य पर राहु, शनि, शुक्र और केतु का प्रभाव नहीं है तो सूर्य यहाँ स्थित होकर बेहतर फल देता है

सूर्य कन्या राशि में स्थित होकर व्यक्ति को परफेक्शनिस्ट बनता है , किसी भी प्रकार की रिसर्च वर्क के लिए यह सूर्य बहुत ही शुभ स्थिति में है। मेडिकल फील्ड में जाने के लिए उत्तम योग है विशेष रूप से सर्जन यदि मंगल या केतु का प्रभाव आता है तो साथ में हमें अन्य योग भी देखना चाहिए कुंडली में।

कन्या राशि में होने की वजह से यह आर्गुमेंट करने वाला स्वभाव भी सूर्य प्रदान करेगा। व्यक्तित्व को एक रिज़र्वनेश भी सूर्य प्रदान करता है।

आप अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं पंडित अर्पित शुक्ला जी से तो व्हाट्सएप करें 8818828849 पर।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गुरु जन्म कुंडली के 8वे भाव में फल | गुरु अष्ठम भाव में फल | Guru in 8th house in horoscope

शनि कुंडली के तृतीय भाव में | Saturn in 3rd House in Horoscope