शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

दूसरे और बारहवे भाव में परिवर्तन योग होने पर क्या होता है

 जन्म कुंडली में जब भी दूसरे भाव और 12वे भाव में आपस में परिवर्तन होगा तो यह दिखाता है कि व्यक्ति के जीवन में फ्लो ऑफ मनी बना रहेगा यानी की पैसा आता जाता रहेगा।

व्यक्ति के मन में यदि कोई इक्षा होती है कि यह चीज लेना है तो परमात्मा कहीं न कहीं से अरेंजमेंट कर देगा चाहे जेब खाली हो।यानी कि पैसा टिकेगा नहीं।

जन्मकुंडली का 12वा भाव कालपुरुष कुंडली के मीन राशि को दिखाता है और दूसरा भाव वृषभ राशि को दिखाता है और दोनों ही राशियों में शुक्र अच्छा फल देते हैं।

शुक्र भौतिक सुख का कारक ग्रह है अतः यह व्यक्ति इक्षाओं की पूर्ति के लिए शुभ योग है पर धन संचय व्यक्ति अपने जीवन में नहीं कर सकता।


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