शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

अत्यधिक धन देने वाला योग -वसुमान योग/वसुमती योग

 वसुमान योग को ज्योतिष में एक धन योग की तरह बताया गया है, निश्चित रुप से यह योग धन देता है और बुद्धिमान भी बनाता है पर इस योग से कुछ हानि भी है या कहें कुछ कमियां भी यह योग व्यक्ति के अंदर उत्पन्न करता है। 

वसुमान योग यदि व्यक्ति की पत्रिका में बने तो व्यक्ति का जन्म काफी समृद्ध परिवार में होता है या कहें कि सभी सुख सुविधा सहज ही मिल जाती है। व्यक्ति का बचपन काफी बेहतर रहता है पर इस योग की वजह से जैसे जैसे समय गुजरता है तो व्यक्ति दुनियादारी के अनुभवों से वंचित रह जाता है और कहीं न कहीं आगे चलकर कष्ट भोगता है। इसका कारण यही है कि बचपन में इतना सुखमय वातावरण बच्चे को मिला कि वो समझ ही नहीं पाया दुःख क्या है ? कष्ट क्या है ? बच्चे को सारी सुख वैभव की चीजें बड़ी आसानी से मिल गई तो वो उनकी वैल्यू समझ नहीं पाता यही समस्या का मूल कारण बनती है।

इस सब के वावजूद यदि व्यक्ति को सही मार्गदर्शन मिले तो इसका लाभ अवश्य होता है व्यक्ति की सभी इक्षायें सहज ही पूरी हो जाती हैं धन की कमी नहीं रहती है।

यह योग होगा तो व्यक्ति, किसी भी अन्य व्यक्ति से कभी कोई कार्य की मना नहीं कर पाते यानी कि प्रतिरोध की क्षमता कम होती ऐसी व्यक्तियों में।



वसुमान योग का निर्माण 

पत्रिका के अंदर जब शुभ ग्रह ( गुरु, शुक्र, बुध, चंद्रमा ) 3,6, 10 व 11 भाव में स्थित हो तो यह योग बनता है।


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