शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Beautiful face yog in kundli | beautiful yog in kundli | सुंदरता का योग

दोस्तो आप ने बॉलीवुड फिल्म का यह गीत अवश्य सुना होगा तेरे चेहरे से नजर नहीं हटती नजारे हम क्या देखें....में एक ऐसे ही योग के बारे में बताने जा रहा हूँ आप को यदि यह योग आप की कुंडली में बनता है तो आप आकर्षण के केंद्र होंगे। किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने की एक अद्भुत क्षमता ऐसे व्यक्तियों के पास होती है । ज्योतिष शास्त्र में जब भी सुंदरता की बात आती है तो दो ग्रहों का अत्यधिक महत्व होता है वह चंद्र और शुक्र। जैसे कि आप ने देखा होगा कि जब भी सुंदरता की बात आती है तो लोग कहते हैं चांद सा सुंदर चेहरा...ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व है और शुक्र ग्रह आकर्षण का कारक है।

चंद्र शुक्र की युति

जब भी कुंडली में यह चंद्रमा और शुक्र युति कर ले तो यह विशेष योग का गठन होता है। यह जिस किसी भी व्यक्ति की कुंडली में होता है वह किसी को भी अपनी सुंदरता अपनी बातों से, अपनी लाइफ स्टायल, अपने पहनावे से आकर्षित कर सकते हैं। बड़ी फेमश सेलेब्रिटीज़ की बात करें तो aishwarya ray की कुंडली में यह योग था जाहिर है वह अपने समय में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर रही हैं। चंद्र शुक्र की युति वाले लोग काफी सामाजिक होते हैं नए लोगो से मिलना बातचीत करना नए दोस्त बनाना घूमना फिरना मौज मजा मस्ती करना यह सब इनको पसन्द होता है। 

चंद्र शुक्र की युति वाले लोगों में अक्सर स्त्रीत्व के गुण पाए जाते हैं चाहे वह पुरूष ही क्यों न हो वह व्यक्ति भावुक स्वभाव का होगा। प्रेम कर लिए काफी भावुकता देखने को मिल सकती हैं क्योंकि शुक्र प्रेम का कारक ग्रह है। व्यक्ति को भोग विलास अत्यधिक पसंद होता है। व्यक्ति प्रेमी स्वभाव का होता है। कलात्मक गुण व्यक्ति के अंदर काफी अधिक होते हैं। 

चंद्र शुक्र की युति पर राहु केतु का प्रभाव हो यह युति 6,8 अथवा 12 वे भाव में हो या इसके स्वामी का प्रभाव व्यक्ति के चरित्र को खराब कर सकती है। वैवाहिक जीवन में समस्या दे सकती है। एक से अधिक जगह प्रेम संबंध बनाना यह संभव हो सकता है। दो विवाह भी करवा सकती है। अंतरजातीय विवाह इत्यादि भी यह युति करवा सकती है यदि पाप प्रभाव में हो।

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