शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Prediction with Gemini Char Dasha

जय श्री राम दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसी टेक्निक बताऊंगा जिसके द्वारा आप किसी भी व्यक्ति के लिए जैमिनी दशा के द्वारा सटीकता से फलित कर सकते हैं और साथ में थी आप यह भी पता कर सकते हैं कि कौन सा समय व्यक्ति के लिए ठीक नहीं है।
जैमिनी ज्योतिष कारको के आधार पर कार्य करती है, इसमें 7 प्रमुख कारक बताये गए हैं। जिस किसी ग्रह की सबसे ज्यादा डिग्री होती है वह आमात्य कारक बन जाता है दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा डिग्री वाला ग्रह आमात्य कारक बन जाता है जो कि हमारे प्रोफेशन को दिखाता है और इसके बाद तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा डिग्री वाला ग्रह भ्रातृ कारक बनता है जो तीसरे भाव से जुड़ी हुई चीजों को दिखाता है और और चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा डिग्री वाला ग्रह मातृ कारक बनता है जो कि चौथे भाव से जुड़ी हुई चीजों को प्रदर्शित करता है इसके बाद पांचवें नंबर पर सबसे ज्यादा डिग्री वाला ग्रह हमारे लिए पुत्र कारक बनता है जो पांचवे भाव से जुड़ी हुई चीजों को निर्धारित करता है और छठ में नंबर पर सबसे ज्यादा डिग्री वाला ग्रह गिनाती कारक कहलाता है यह ग्रह ज्यादा शुभ नहीं माना जाता है तथा सातवे नंबर पर सबसे कम डिग्री वाला ग्रह दर कारक बनता है जो कि 7वे भाव से जुड़ी हुई चीजों को प्रदर्शित करता है।

अब आपको किसी भी सॉफ्टवेयर की सहायता से यह पता करना है कि आपको किस राशि की दशा चल रही है जी हां जैमिनी ज्योतिष में हम राशियों की दशाओं का ही प्रयोग करते हैं ना कि ग्रहों की दशाओं का तो दोस्तों यहां पर आपको किसी भी राशि की दशा प्राप्त हो जाती है तो आपको क्या करना है जैसे कि उदाहरण के लिए आपका सिंह लग्न है तो आपको तुला राशि की दशा चल रही है उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं। आप को तुला राशि को लग्न में ले आना है और सभी ग्रह यथावत शिफ्ट हो जाएंगे राशियां भी अपने अनुरूप शिफ्ट हो जाएंगे अब आपको देखना है 6 , 8 और 12 भाव में कौन से ग्रह है। यदि कोई ग्रह 6,8 व 12 भाव में जाता है और वह जिस भी चीज का कारक बनता है तो उससे जुड़े हुए क्षेत्र में आपको परेशानी आ सकती है जैसे की आमात्य कारक ग्रह 6,8 व 12 भाव में चला गया तो आपको परेशानी आ सकती है आपकी प्रोफेशन से जुड़ी हुई क्योंकि आपके करियर को दिखाता है और किसी अन्य चीज का कारक ग्रह 6,8 व 12 में चला जाता है तो भी आपको परेशानी आ सकती है। अब यह है कि आपको यह देखना है कि 6,8 व 12 में गए हुए ग्रह पर गिनाती कारक की दृष्टि चली जाती है और निश्चित रूप से जुड़े हुए परेशानी देखने को मिल सकती है, लेकिन दोस्तो यहाँ आप को सिर्फ जैमिनी दृष्टि का प्रयोग करना है न कि पाराशरी वाली ग्रहों की दृष्टि का, तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको समझ में आ गया होगा।


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