शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में
मंगल नवम भाव में किस तरह के परिणाम देगा यह जानने के लिए सबसे पहले हमें समझना होगा नवम भाव को और मंगल को यह दोनों ज्योतिष में किन चीजों को निर्धारित करते हैं उसी के अनुरूप मंगल अपने परिणाम कुंडली में देगा।
सबसे पहले बात करें मंगल की तो मंगल एक अग्नि तत्व का ग्रह है और यह हमारे अंदर की ऊर्जा को दिखाता है मंगल कुंडली में जहाँ कहीं भी स्थित होगा उस भाव से जुड़ी चीजो में हम अपनी ऊर्जा को लगाते हुए देखे जा सकते हैं मंगल साहस पराक्रम का कारक ग्रह कहा जाता है , जीवन में रिस्क लेने की क्षमता को हम मंगल द्वारा निर्धारित करते हैं मंगल भाइयों का , भूमि का, तकनीकी का, इंजीनियरिंग का, प्रशासन , रक्षा सेवाओ का कारक ग्रह बनता है। मंगल हमारी निर्णय लेने की शक्ति को दिखाता है, मंगल स्ट्रैट फॉरवर्ड बेहवीयर को दिखाता है इसके अलावा भी बहुत सी चीजो का कारक ग्रह मंगल को माना जाता है।
अब बात करें नवम भाव की तो नवम भाव हमारे जीवन में भाग्य को दिखाता है, हमारे पिता के बारे में विचार करेंगे तो नवम भाव को देखेंगे, नवम भाव धर्म, दर्शन, लंबी दूरी की यात्राओं को, जीवनसाथी के छोटे भाई बहनों को, ज्ञान का भाव है। नवम भाव एक त्रिकोण भाव है और मुख्य रूप से इसके कारक ग्रह बृहस्पति है जो कि मंगल का मित्र है और कालपुरुष की धनु राशि इस भाव में आती है जो कि अग्नि तत्व की राशि है अतः यह मंगल के लिए सुखमय भाव कहा जा सकता है मंगल के अंदर बृहस्पति और नवम भाव के गुणों की मात्रा अब बढ़ती हुई नजर आएगी।
व्यक्ति महत्वकांक्षी और आशावादी होगा और हर परिस्थितियों में कर्म करने पर विश्वास रखेगा, संकल्प शक्ति मजबूत होगी और कर्तव्यनिष्ठता देखी जा सकती है, यहाँ स्थित मंगक व्यक्ति के अंदर प्रतिस्पर्धा की भावना देगा एक हार न मानने वाली प्रवृत्ति मनुष्य के अंदर होगी। मंगल जल्दीबाजी को दिखाता है लेकिन यहाँ ओर यह चीज कम देखने को मिलेगी बृहस्पति के प्रभाव की वजह से व्यक्ति के अंदर धैर्य विकसित होगा। एक अच्छी कुशल नेतृत्व क्षमता का विकास मंगल करता है। प्रबंधन बैंक वकालत प्रशासन कोच वैज्ञानिक धार्मिक गुरु चिकित्सा रक्षा सेवा में जाने के लिए बेहतर स्थिति का निर्माण करता है यदि अन्य योग बन रहे हैं तब। मंगल एक एग्रेशन का ग्रह है अतः यह जीवन में कट्टरपंथी सोच भी दे सकता है।
व्यक्ति स्वयं विद्वान होता है अथवा ज्ञानमय चीजो को समझने में अपनी ऊर्जा को दिखाता है, तकनीक और मेडिकल विषय का ज्ञाता है। पारिवारिक जीवन तो सुखद होगा यदि मंगल पीड़ित है तो पिता के लिए कष्ट प्रद हो सकता है मतभेद की बड़ा सकता है। व्यक्ति स्वयं तो पराक्रमी होगा और परिश्रम से भाग्य निर्माण की सोच व्यक्ति की होगी। नेत्र में चोट या किसी प्रकार को त्वचा विकार भी मंगल दे सकता है। कार्यक्षेत्र में प्रसिद्ध करवाता है नवम में स्थित मंगल, कई बार व्यक्ति अभिमानी भी ही सकता है। मित्रों की संख्या को मंगल कम करता है। व्यक्ति अपने सिद्धांतों और आदर्शों को बहुत कट्टरता से मानता है और उनका भली प्रकार से पालन करता है। यह कुछ गुण मंगल नवम भाव में देगा लेकिन कुछ परिवर्तन मंगल की रांशी और अन्य स्थिति के अनुसार भी देखने को मिल सकती है ।
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