शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Mangal Dosh kya Hota Hai | Manglik Dosh Kya Hai | Manglik Dosh Upay | B...







मंगल दोष और मांगलिक होने में बहुत बड़ा अंतर है दोनों को आप को जानने की आवश्यकता है। कोई भी व्यक्ति की पत्रिका में मंगल यदि द्वादश, प्रथम, द्वतीय, चतुर्थ, सप्तम, और अष्टम भाव में स्थित हो तो व्यक्ति मंगली होता है पर मंगल दोष तब बनेगा जब मंगल पीड़ित हो सूर्य राहु केतु शनि के द्वारा अथवा कुंडली के 6,8,12 भाव के स्वामी के द्वारा।

मंगल दोष को हमको चंद्र कुंडली और नवांश में भी देखना चाहिए। मंगल दोष होता है तब व्यक्ति का विवाह विलंब से होता है। कई बार अन्य दुर्योग भी बने तो विवाह में विच्छेद हो सकता है डिवोर्स सेपरेशन इत्यादि भी हो सकता है अथवा आये दिन लड़ाई झगड़े भी हो सकते हैं।

अब बात करें उपाय की तो आप को 108 बार जप करें

ॐ बृहस्पतये नमः मन्त्र की एक माला जप करें । ॐ शुं शुक्राय नमः मंत्र का भी जप करें। हनुमानजी महाराज की आराधना करें इससे मंगल दोष कम होगा।

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