शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

शनि चतुर्थ भाव में | Saturn in 4th house

शनि चतुर्थ भाव में अधिक शुभ परिणाम नहीं दे पाते है। क्योंकि चौथा भाव है सुख और शनि कारक है मेहनत श्रम के तो इनका मेल आसानी से नहीं बैठता है । शनि माँ को लेकर भी कुछ नकारात्मक परिस्थिति उतपन्न करता है। सम्भवतः व्यक्ति के जीवन में दो माँ का योग होता है अर्थात व्यक्ति किसी महिला को अपनी माँ के समान ही स्थान देता है।शनि ग्रह व्यक्ति को मातृभूमि से दूर ले जाता है। भावनात्मक रूप से व्यक्ति को उदासीन बनाता है व्यक्ति अपने विचारों को व्यक्त नहीं करता है पर अन्य लोगो के विचारों भावनाओ को समझ जाता है आसानी से।
आइये एक वीडियो प्रस्तुत कर रहा हु आप के लिए जो इन फलों को समझने में उपयोगी साबित होगी।

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