शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

चित्र
शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Love marriage yoga in kundali

अक्सर आप के और हम सब के मन में होता है कि हम मन चाहा जीवन साथी मिल पायेगा या नहीं यह आसानी से जान सकते हैं, अगर आप लेख नहीं पड़ना चाहते तो मेरे यूट्यूब चैनल पर भी जा सकते हैं यह लिंक है...CLICK HERE
प्रेम विवाह के लिए हम पंचम भाव को देखते हैं, और विवाह के लिए सप्तम भाव को यदि कुंडली में 7 वे भाव और 5 वे भाव में सम्बन्ध बनता है तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति का जीवन में प्रेम विवाह हो सकता है, यह सम्बन्ध चाहे तो युति , दृष्टि, परिवर्तन योग द्वारा हो सकता है।
और 9 वे भाव भी सपोर्टिंग भाव होता है वह भी हेल्प करता है यदि 5 वे और 7 वे भाव का सम्बन्ध किसी प्रकार से 9 वे भाव अथवा उसके स्वामी द्वारा बने तो हम कह सकते हैं कि व्यक्ति का प्रेम विवाह हो सकता है।
प्रेम कारक शुक्र है अगर वो पांचवे भाव अथवा उसके स्वामी से सम्बन्ध बनाये तो भी यह योग बनता है।
शुक्र का सम्बन्ध यदि 7 वे भाव से बने तो व्यक्ति का प्रेम विवाह हो सकता है।
5 वे और 7 वे भाव के स्वामी का सम्बन्ध यदि 11 वे भाव लाभ स्थान के स्वामी से हो तो भी प्रेम विवाह हो सकता है।
धन्यवाद जय श्री राम

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गुरु जन्म कुंडली के 8वे भाव में फल | गुरु अष्ठम भाव में फल | Guru in 8th house in horoscope

शनि कुंडली के तृतीय भाव में | Saturn in 3rd House in Horoscope