विदेश यात्रा के योग जन्म कुंडली में वीडियो रूप में देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
ज्योतिष में सर्वाधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों में से एक है विदेश यात्रा से सम्बंधित प्रश्न, इस प्रश्न का उत्तर हम आसानी से जान सकते हैं जन्म कुंडली के माध्यम से , जन्म कुंडली में बारहवा भाव पूरी तरह से विदेश यात्राओं को दर्शाता है , जब भी विदेश जाने या विदेश में सेटलमेंट की बात होगी तो हम को बारहवे भाव को गहनता से अध्ययन करना होगा, जन्म कुंडली में से देख कर हम बता सकते हैं कि जातक विदेश जाएगा या नहीं और यात्रा चाहे वो लंबी दूरी की हो या कम दूरी की। अब जानते हैं कि वो कोन कोन से योग हैं-
अगर लग्न और बारहवे भाव में सम्बन्ध बनता है चाहे वो युति दृस्टि सम्बन्ध या परिवर्तन योग का तो आप के विदेश जाने के चांस काफी अधिक होंगे, इसी प्रकार द्वतीय भाव का स्वामी भी 12 वे भाव से सम्बंध बनाये तो परिवार सहित विदेश जा सकते हैं, और इसके उलट यदि लग्न और द्वतीय भाव के स्वामी की युति हो तो घर का ही सुख है विदेश नहीं सेटल हो पाएंगे, इसी प्रकार चतुर्थ भाव का सम्बंध लग्न से बनता है तो विदेश जाने के चांस कम हैं, और तृतीय भाव कम दूरी की यात्रा को दिखाता है यदि इसका संबंध 12 वे भाव से बनता है तो कम समय के लिये विदेश या छोटी दूरी की यात्रा हो सकती हैं, और यदि 9 वे भाव का संबंध 12 वे भाव से बनता है तो अधिक दूरी की यात्रा या अधिक समय के लिये विदेश जाने की संभावना बनती हैं। 8 भाव भी समुद्र पार की यात्रा को दिखता है। 6 वे भाव का सम्बंध 10 वे और 12 वे भाव से बने तो नोकरी के लिये विदेश जाना हो सकता है, 7 वे का बने तो व्यापार या पति/ पत्नी के साथ विदेश जा सकते हैं।
11 भाव कॉन्फ्रेंस को दिखाता है तो उसके लिये भी यात्रा हो सकती हैं।
तो यह तो बेसिक जानकारी है आशा करते हैं आप समझ गए होंगे। फिर भी आप को कोई कंफ्यूजन है तो हम को बताइए।
जय हरि र
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