शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

चित्र
शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

क्या ग्रहों का प्रभाव सच में हमारे ऊपर होता है ( kyu hota hai grahon ka prabhaw )

जब भी ज्योतिष की बात आती है तो आप सब के सामने एक शब्द जरुर आ जाता होगा कि ग्रह, आखिर क्यों ये हमको प्रभावित करते हैं , क्या सच मुच में लाखों करोड़ों किलोमीटर दूर स्थित ग्रह हमारे जीवन और असर डाल सकते है, अगर सभी ग्रह प्रभाव डालते है तो अरुण वरुण यम आदि को क्यों नहीं लिया जाता जबकि चन्द्रमा को लिया जाता है, तो आज मैं आप के इन सभी प्रश्नों के उत्तर दूँगा, साथियों अक्सर पड़े लिखे लोग जो विज्ञान को मानते है और कहते है कि इतनी दूर स्थित ग्रह हम पर कैसे प्रभाव डाल सकते हैं , तो आप को बताना चाहूंगा कि ये लोग ही बड़ी अवैज्ञानिक बात करते है, आप को ज्ञात होगा कि सूर्य पृथ्वी से लगभग 14.9 करोड़ किलोमीटर दूर है, और प्रकाश को आने मैं यहाँ 500 सेकण्ड लगते है जब प्रकाश 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलता है, और इसी प्रकाश की मदद से धरती पर वृक्ष पौधे आदि अपना भोजन बनाते है, प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा, और अगर सूर्य न हो तो धरती पर जीवन भी सम्भव नहीं होगा, इस तरह आप ने देखा सूर्य का प्रभाव अब यदि मैं कहूँ की चन्द्रमा भी तो प्रकाश देता है और वो भी सूर्य के प्रकाश को रिफ्लेक्ट करता है उस पर स्वयं का प्रकाश तो है नहीं तो फिर पौधे रात में भोजन क्यों नहीं बनाते ? अब इस प्रश्न का जबाब भी मैं ही देता हूँ विज्ञान की भाषा में जब प्रकाश किसी सतह से परावर्तित होता है तो उसकी वेब लेंथ मैं परिवर्तन आ जाता है और पौधे उस वेब लेंथ के प्रकाश को अब्सॉर्ब नहीं कर पाते है, इसी प्रकार हर ग्रह से कुछ न कुछ प्रकाश धरती पर अवश्य आता है, अब अगर देखा जाए तो शनि से प्रकाश आने में कुछ एक घंटा लग जाता है, अब आप कहोगे की जी सूर्य का तो प्रभाव पड़ता है समझ आता है,पर बाकी का नही,तो दोस्तों में
आप में से कुछ लोग जिन्होंने थोड़ा भी अगर रसायन विज्ञान जानते हो या केमिस्ट हो उनको पता होगा कि पानी को जिस प्रकार के सम्पर्क में रखा जाये उसका गुण धंर्म ग्रहण कर लेता है, अगर पानी को सोने के बर्तन या चाँदी या मिट्टी के बर्तन में रात भर रखे तो उसके गुण ले लेता है ठीक उसी प्रकार प्रकाश भी जिस तरह के ग्रह से परावर्तित होकर आता है तो विभिन्न वेब लैंथ को ले लेता है, अब वो बात अलग है कि उसके प्रभाव को मेजर कर सके उस प्रकार की मसीन अभी तक तो मॉडर्न साइंस ने  नहीं बनाई है और में  ये कहूँ की हमारे ऋषि मुनि आज के समय से एडवांस थे तो संभव है, ये उसी प्रकार है जैसे जब न्यूटन ने ग्रेविटी की खोज नहीं कि थी क्या उस से पहले ग्रेविटी नहीं थी, अब अगर मैं कहूँ की ग्रेविटी नहीं होती तो क्या उसका प्रभाव मेरे ऊपर नहीं होगा, अवश्य ही होगा ये भी ऐसे ही है हम माने या न माने पर ग्रहों का प्रभाव हमारे ऊपर सदा रहता है।
भारतीय ज्योतिष से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी हमारे यूट्यूब चैनल से प्राप्त करें यहाँ क्लिक करें

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गुरु जन्म कुंडली के 8वे भाव में फल | गुरु अष्ठम भाव में फल | Guru in 8th house in horoscope

शनि कुंडली के तृतीय भाव में | Saturn in 3rd House in Horoscope