शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Kya hoti hai rashi ( क्या होती है राशियां )

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अक्सर आप ने सुना होगा लोगो को कहते हुए की मेरी राशि सिंह है तुला है, तब कभी न कभी आप के मन में भी ये प्रश्न उठा होगा कि आखिर ये राशि क्या होती हैं, तो आज में आप के इस प्रश्न का जबाब दूँगा, 
जब हम आकाश मंडल को पृथ्वी के सापेक्ष 12 बराबर भागो में बांट देते है तो ये भाग राशि कहलाते हैं, हर ग्रह अपनी कक्षा में चक्कर लगा रहा है और जब और प्रत्येक ग्रह हमेशा किसी न किसी राशि में होता है, और जब ग्रहों के परिक्रमा करते समय विभिन्न राशियों में गोचर का पृथ्वी पर और उस पर रहने वाले जीवधारियों पर प्रभाव पड़ता है, उदाहरण के लिये बताऊँ जब चन्द्रमा गोचर में आते हुए पूर्णिमा के दिन समुद्र में ज्वार भाटा आना ग्रहों के गोचर के आधार पर ही होता है, हर राशि का अपना अपना स्वभाव और कार्यकत्व होता है और हर राशि का कोई न कोई ग्रह स्वामी होता है, इन राशियों में 4 तत्व पाए जाते है, प्रत्येक राशि का अलग अलग तत्व होते है ये तत्व जल अग्नि पृथ्वी वायु हैं, राशियाँ 3 प्रकार की होती है चर (स्थिर) राशि, अचर राशि, द्व स्वभाव राशि । इन्हीं राशियों का एक भेद ये भी है कि जितनी भी राशियाँ विषम नंबर पर पुरुष राशि कहलाती है और जो राशियाँ सम स्थान पर आती है वो स्त्रि राशि कहलाती हैं।
हर राशि का अपने स्वभाव लार्ड कार्यकत्व के आधार पर ये अलग अलग गुण धंर्म प्रदर्शित करती हैं, और जब ग्रह इन में से होते हुए गोचर करता है तो उस राशि के अनुसार फल देता है, अब फल कैसा होगा ये राशि के शत्रु मित्र स्व उच्च नीच या सम होने पर निर्भर करता है, जिस भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस राशि मे होता है वो उसकी राशि कहलाती है।
आशा करते है मित्रो आप को हमारा आर्टिकल अच्छा लगा होगा। जय श्री राम

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