मनुष्य के जीवन में सदा इक्षा रही है कि वो जानना चाहता है कि उसका भविष्य कैसा होगा, सनातन परंपरा के ऋषियों ने मानव कल्याण और मनुष्य को मार्गदर्शन करने के लिये उसके ईश्वर प्राप्ति में क्या क्या बधाएं आने वाली है और उसको क्या करना चाहिये सम्पूर्ण जीवन को समझने के लिये इस विद्या का निर्माण किया।
भारतीय ज्योतिष सच में एक विज्ञान है, इस में ग्रहों नक्षत्र राशि आदि का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, ज्योतिष आप को भाग्य वादी बनाने के लिये नहीं अपितु आप को ये बताने के लिये है की आप के किये हुए कर्मो का ही प्रतिफल आप को इस जीवन में मिला है, ज्योतिष पूर्व जन्म में यकीन रखता है, अब आप पूर्व जन्म को माने या न माने पर ज्योतिष मानता है। अक्सर देखा गया है जब किसी ज्योतिषि के द्वारा की गई भविष्यवाणी असत्य हो जाती है तो लोग कह देते है ज्योतिष विद्दा हो जुठ है, पंडितों के पैसे कमाने का यंत्र है आदि बातें पर साथियों जब किसी डॉक्टर के द्वारा ऑपरेशन फैल हो जाये तब नहीं कहा जाता कि मेडिकल साइंस गलत है ये ठीक उसी प्रकार है ज्योतिषी भी गलती कर सकता है। ज्योतिष में 9 ग्रहों को लिया है इस में राहु और केतु काल्पनिक ग्रह है, इन सभी ग्रहों का परिक्रमण पृथ्वी के सापेक्ष लिया गया है। आप ने देखा होगा ज्वार भाटा आता है तो समुद्र का पानी ऊपर उठता है गुरुत्वाकर्षण के कारण ये भी चन्द्रमा का प्रभाव है, ठीक इसी प्रकार सभी ग्रहों का अपने परिक्रमा करते हुए मनुष्य जीवन और आसपास होने वाली गतिविधियों पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है इन्ही का अध्ययन ही ज्योतिष शास्त्र है।
ज्योतिष के 3 अंग है -
1. सिद्धांत
2. सहिंता
3. होरा
ज्योतिष की कई विधा है जैसे जैमिनी ज्योतिष, परासर , कश्यप , नाड़ी ज्योतिष,आदि।
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