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मार्च, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Neech Ka Shukra in Hindi | Debilitated Venus | नीच का शुक्र | shukra kan...

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Neech ka budh | debilitated mercury

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Neech Ka Mangal | Debilitated Mars

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Neech Ka Chandrama in Hindi | Debilitated Moon | नीच का चंद्रमा | Chandr...

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Guru Makar Rashi me | Guru Rashi Parivartan | गुरु का मकर राशि में प्रवे...

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#karkrashi #cancer Kark Rashifal April 2020 | Cancer Prediction for April | Cancer/kark Horoscope

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नमस्कार दर्शकों आप सभी कर्क राशि के दर्शकों का भारतीय एस्ट्रोलॉजी के April 2020  राशिफल में स्वागत करता हूँ। राशिफल की बात करें उस से पहले में ग्रहों की स्थिति हेड लाइन्स में आप को बताना चाहता हूँ। इस पूरे महीने रूचक योग, शश योग, गुरु-मंगल पारिजात योग के शुभ फल आप को प्राप्त होते रहेंगे। 7-14 अप्रैल तक बुध आदित्य योग का निर्माण होगा जो आप के व्यापार में मुनाफे को बड़ा सकता है। 14 अप्रैल से सूर्य होंगे उच्च राशि नोकरी में तब्दीली परिवर्तन उन्नति के योग निर्माण करेंगे। स्वग्रही शुक्र की दृष्टि पंचम भाव पर जो धन लाभ कराएंगे। शनि मंगल का अंगारक दोष, गुरु व्यापार भाव में नीच, तथा व्यापार कारक बुध भाग्य भाव में नीच रहेंगे, लुभावने सौदों से दूर रहे धोखा देने का प्रयास हो सकता है सावधान रहिये। 14 अप्रैल सूर्य और केतु की दृष्टि से झूठे लांछन आरोप लग सकते हैं। उच्च के सूर्य और उच्च के मंगल की वापिस अपने घर पर दृष्टि आप को बड़ा लाभ करा सकती हैं।

Vrishabh Rashifal April 2020

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Mesh Rashifal April 2020

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राहु और उससे बनने वाले योग

*राहू ग्रह व उस से बनने वाले कुछ विशेष योग-* *राहु एक विच्छेदात्मक ग्रह है, जब इसका प्रभाव सप्तम भाव से संबंधित बातों पर पड़ता है यथा, सप्तमभाव के स्वामी व शुक्र पर पड़ता है तो यह प्रभाव जातक के विवाह में विलम्ब, जात्येतर सम्बन्ध, अलगाव, व तलाक की और संकेत करता है। यदि राहू के साथ शनि और सूर्य का प्रभाव भी सप्तम भाव से संबंधित घटकों पर हो तो अशुभ फलों में और तीव्रता आ जाती है। यदि किसी कुंडली में राहू, शनि की युति हो तो शनि का प्रभाव दुगना हो जाता है।* *1- यदि मेष, वृषभ, या कर्क राशि का राहू तीसरे, षष्ठ अथवा एकादश भाव में हो तो, यह राहू अनेक अशुभ फलों का नाश कर देता है।* *2- यदि राहू केंद्र, त्रिकोण 1, 4, 7, 10, 5, 9 वें भाव में हो और केन्द्रेश या त्रिकोणेश से सम्बन्ध रखता हो तो यह राज योग प्रदान कर देता है।* *3-यदि 10 वें भाव में राहू हो तो, यह राहू नेतृत्व शक्ति प्रदान करता है।* *4- यदि सूर्य, चन्द्र के साथ राहू हो तो, यह राहू इनकी शक्ति को कम करता है।* *5- राहू की दृष्टि सप्तम भाव, सप्तमेश, मंगल, व शुक्र पर हो तो, ऐसी जातिका अंतर्जातीय विवाह करती है।* *6- जिस जातिका ...

Videsh me vivah ke yog | Marriage in foreign country jyotish

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Shani Mangal yuti Makar Rashi me

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Uchh ka shukra | उच्च का शुक्र

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Debt yog in horoscope | Karz ka yog

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उच्च का बुध | Uchh ka Budh | exalted Budh

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Uchh ka shani | exalted Saturn result

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