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शनि लग्न में स्थित हो | shani in 1st house | शनि कुंडली के पहले भाव में

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शनि कुंडली में लग्न स्थित हो तो व्यक्ति को कुछ हद इंट्रोवर्ट बनाएगा मतलब की अपने मन की बात शेयर नहीं करते आप हर किसी से आसानी से। शनि व्यक्ति को कर्तव्यों को पालन करने वाला बनाता है। शनि मैरिड लाइफ में स्थायित्व तो देगा लेकिन आकर्षण स्नेह की कमी भी कर सकता है। शनि लग्न में स्थित हो तो यह व्यक्ति को कर्मठ मेहनती बनाएगा। शनि लग्न में स्थित हो तो व्यक्ति की गुप्त दान धर्म की प्रवृत्ति हो सकती है और व्यक्ति ज्यादातर कर्मवादी स्वभाव के होंगे।

Foreign travel and settlements yog in kundali ( विदेश यात्रा के योग जन्म कुंडली में )

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विदेश यात्रा के योग जन्म कुंडली में वीडियो रूप में देखने के लिए यहाँ क्लिक करें ज्योतिष में सर्वाधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों में से एक है विदेश यात्रा से सम्बंधित प्रश्न, इस प्रश्न का उत्तर हम आसानी से जान सकते हैं जन्म कुंडली के माध्यम से , जन्म कुंडली में बारहवा भाव पूरी तरह से विदेश यात्राओं को दर्शाता है , जब भी विदेश जाने या विदेश में सेटलमेंट की बात होगी तो हम को बारहवे भाव को गहनता से अध्ययन करना होगा, जन्म कुंडली में से देख कर हम बता सकते हैं कि जातक विदेश जाएगा या नहीं और यात्रा चाहे वो लंबी दूरी की हो या कम दूरी की। अब जानते हैं कि वो कोन कोन से योग हैं- अगर लग्न और बारहवे भाव में सम्बन्ध बनता है चाहे वो युति दृस्टि सम्बन्ध या परिवर्तन योग का तो आप के विदेश जाने के चांस काफी अधिक होंगे, इसी प्रकार द्वतीय भाव का स्वामी भी 12 वे भाव से सम्बंध बनाये तो परिवार सहित विदेश जा सकते हैं, और इसके उलट यदि लग्न और द्वतीय भाव के स्वामी की युति हो तो घर का ही सुख है विदेश नहीं सेटल हो पाएंगे, इसी प्रकार चतुर्थ भाव का सम्बंध लग्न से बनता है तो विदेश जाने के चांस कम हैं, और तृतीय भाव ...